वेनेजुएला में महँगाई दर 10,00,000% प्रतिवर्ष हो गयी है।याने वस्तुओं के दाम हर अठारह दिन में दुगने हो जाते है। भारत में पिछली सरकार में अर्थशास्त्री प्रधानमंत्री जब नोट छापकर चहेतो में लोन बाँट रहे थे तो पहंगाई दर चौदह प्रतिशत तो पहुँच ही गयी थी। वामपंथी infantile सोचते है कि नोट छापकर बाँटेगे तो लोग अमीर हो जाएँगे। नोट धन नहीं होते। धन तो जो हम वस्तुये पैदा करते है, बनाते है, अन्य कार्य करते है वह होता है। नोट तो बस धन को exchange करने का माध्यम भर होते है। अगर सरकार नोट छापती है तो सब के पास बस नोट रह जाते है, क्यूँकि सरकार से मुफ़्त के नोट मिल रहे होते है तो कोई काम तो करता नहीं। सब नोट लिए घूम रहे होते है, ख़रीदने को कुछ होता नहीं।
Venezuela Goes Under, Sunk By The Leftists
Venezuela Goes Under, Sunk By The Leftists
Venezuela Goes Under, Sunk By The Leftists
वेनेजुएला में महँगाई दर 10,00,000% प्रतिवर्ष हो गयी है।याने वस्तुओं के दाम हर अठारह दिन में दुगने हो जाते है। भारत में पिछली सरकार में अर्थशास्त्री प्रधानमंत्री जब नोट छापकर चहेतो में लोन बाँट रहे थे तो पहंगाई दर चौदह प्रतिशत तो पहुँच ही गयी थी। वामपंथी infantile सोचते है कि नोट छापकर बाँटेगे तो लोग अमीर हो जाएँगे। नोट धन नहीं होते। धन तो जो हम वस्तुये पैदा करते है, बनाते है, अन्य कार्य करते है वह होता है। नोट तो बस धन को exchange करने का माध्यम भर होते है। अगर सरकार नोट छापती है तो सब के पास बस नोट रह जाते है, क्यूँकि सरकार से मुफ़्त के नोट मिल रहे होते है तो कोई काम तो करता नहीं। सब नोट लिए घूम रहे होते है, ख़रीदने को कुछ होता नहीं।